अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi
Albert Einstein Biography, Quotes in Hindi
एक ऐसा व्यक्ति जिसने बीसवीं सदी की शुरुआत में विज्ञान पर राज्य किया। जिसने मानव इतिहास में समय, स्थान और वृत्त आकर्षण जैसे विषयों के नए आयामों की खोज की।
अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के समय कहा जाता है कि उनके सिर पर पिछला हिस्सा असामान्य था यानी उनके सिर का पिछला हिस्सा बहुत बड़ा था। बताया जाता है कि एक हफ्ते बाद उनका सिर सामान्य हो गया।
कहा जाता है कि 4 साल की उम्र तक आइंस्टीन को बोलने में दिक्कत होती थी इसके अलावा उनके पास पढ़ने के मुद्दे भी थे और उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता था।
उन्होंने दुनिया का सबसे सम्मानीय पुरस्कार भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार जीता मानव इतिहास में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाने वाले व्यक्ति का नाम अल्बर्ट आइंस्टीन हैं।
Table of Contents
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography)
नाम (Full Name) | अल्बर्ट आइंस्टीन |
प्रसिद्धि (Famous for) | सिद्धांत के भौतिक विज्ञान |
जन्मदिन (Date of Birth) | 14 मार्च 1879 |
जन्म स्थान (Place of born) | उल्म, किंगडम ऑफ बुर्टेमवर्ग, जर्मनी |
उम्र (Age) | 76 साल (मृत्यु के समय) |
मृत्यु का दिन (Date of death) | 18 अप्रैल 1955 |
शिक्षा (Education) | 1900 में बीए, पीएचडी. 1905 में |
स्कूल (School) | कैथोलिक प्राथमिक विद्यालय लुईटपोल्ड जिम्नेजियम |
कॉलेज (college) | स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक ज़्यूरिक विश्वविद्यालय |
राशि (Zodiac Sign) | मीन राशि |
नागरिकता (Nationality) | जर्मन, स्विस, अमेरिका |
गृह नगर (Home town) | उल्म, किंगडम ऑफ बुर्टेमवर्ग, जर्मनी |
लंबाई (Height) | 5 फीट 7 इंच |
वजन (weight) | 70 किलो |
पेशा (Profession) | सैद्धांतिक भौतिकी विज्ञानी |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
सैलरी (Salary) | 6 – 7 लाख रुपए प्रति शो |
कुल संपत्ति (Net worth) | 13 करोड़ रुपए |
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Born)
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था और उनका परिवार बहुत ही साधारण और मध्यमवर्गीय यहूदी थे।
उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था। जो शुरू में एक पंख वाले बिक्री प्रतिनिधि थे और बाद में एक इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन लाइन चलाते थे और एक मध्यम जीवन यापन करते थे।
उनकी मां पॉलिन कोच परिवार से भागी थी उनकी एक बहन माजा आइंस्टीन थी। माजा, अल्बर्ट से 2 साल छोटी थी।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education)
गणित और भौतिकी में उनके अद्भुत प्रदर्शन के कारण, उन्हें स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश मिला और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
उन्हें अभी भी अपनी पूर्व विश्वविद्यालय शिक्षा को पहले पूरा करने की अवश्यकता थी इसलिए बे स्विटरजलैंड के आराऊ में जोस्ट विंटेलर के हाई स्कूल गए।
आइंस्टीन स्कूल मास्टर के परिवार के साथ रहते थे और वह स्कूल मास्टर की बेटी मैरी बिंटलर से प्रभावित थे। सदी के अंत के साथ आइंस्टीन ने अपनी जर्मन नागरिकता छोड़ दी और स्विस नागरिक बन गए।
अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार (Albert Einstein Family)
पिता का नाम (Father’s Name) | हरमन आइंस्टीन |
माता का नाम (Mother’s Name) | पॉलिन कोच |
बहन का नाम (Sister Name) | माजा आइंस्टीन |
पत्नी (Wife Name) | मरिअक (पहली पत्नी) एलिसा लौवेन्न थाल (दूसरी पत्नी) |
बच्चो के नाम (Children’s Name) | बेटे: एडवर्ड आइंस्टीन, हंस अल्बर्ट आइंस्टीन बेटी: लिसरल आइंस्टीन |
अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी, पत्नी
अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी शिक्षा को खत्म करने के बाद करीबन 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली। जो कि उनकी ज्यूरिक में सहपाठी थी।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी के कुछ साल बाद उनकी पत्नी मरीअक ने दो बेटे को जन्म दिया था उनके दो बेटे हुए तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी।
उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान संबंधी दस्तावेज लिखा।
अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career)
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 1902 में किसी के रेफरेंस से आइंस्टीन को स्विस पेटेंट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई वह पहली बार था आइंस्टीन स्थिरता खोजने में सक्षम थे।
एक क्लर्क के रूप में अपनी नौकरी के साथ आइंस्टीन को स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन सभी आवधारणाओं का विस्तार और पॉलिश करने का उत्कृष्ट अवसर मिला। जिन्हें उन्होंने समझा था उस समय उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय प्रमेय में प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी का काम किया।
1905 में आइंस्टीन ने एनालेन डेर फिजिक में चार पत्र प्रकाशित किए। एनालेन डेर फिजिक समय की सबसे प्रसिद्ध भौतिकी पत्रिकाओं में से एक थी। फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव और ब्राउनियन गति उनमें से दो विषय थे।
अन्य दो जिन्होंने E = Mc Square और सापेक्षता के सिद्धांत को रेखांकित किया आइंस्टीन के कैरियर और विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein inventions in Hindi)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किए जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा उनकी कुछ अविष्कार इस प्रकार हैं-
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी
आइंस्टीन प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है। जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है उनकी थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन को समझाया।
उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना की इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलीविजन का आविष्कार किया जो कि दृश्य को शिल्प विज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है। आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का आविष्कार हो चुका है।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया। जिसको आज न्यूक्लियर ऊर्जा कहते हैं।
सापेक्षता का सिद्धांत
सापेक्षता सिद्धांत एक सिद्धांत है जो यह बताता है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। अल्बर्ट आइंस्टीन की यह व्याख्या की गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष समय के ताने-बाने को कैसे प्रभावित करता है, सामान्य सापेक्षता के रूप में जाना जाता है।
1915 में प्रकाशित इस परिकल्पना ने आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत पर सुधार किया जिसे उन्होंने 10 साल पहले प्रकाशित किया था विशेष सापेक्षता के सिद्धांत ने वर्णन किया कि समय और स्थान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वे गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्वाकर्षण बल से परे हैं।
आइंस्टीन का रेफ्रिजरेटर
यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा आविष्कार था जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए। आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया जिसमें अमोनिया, पानी और व्यूटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके। उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया।
- यह भी पढें। देखें – अमृतपाल सिंह का जीवन परिचय
आइंस्टीन का सिद्धांत और परमाणु बम
संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्रमशः 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमों से हमला किया। दो हमलों में 1,29,000 से 2,26,000 लोगों की हत्या की गई जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।
आइंस्टीन ने परमाणु बम का आविष्कार नहीं किया है लेकिन आइंस्टीन के सिद्धांतों ने परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बाद में उन्हें इस बात का बहुत दुख हुआ कि उनके द्वारा बनाए गए सूत्र पूरी मानवता के लिए खतरा बन सकते हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सम्मान (Albert Einstein Awards)
भौतिकी का नोबेल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया।
- मात्त्युक्की मेडल सन 1921 में दिया गया।
- कोपले मेडल्स 1925 में दिया गया।
- मैक्स प्लांक मेडल सन 1929 में दिया गया।
- शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
- जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
- ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं और एक बराबर ही मूर्ख भी हैं।
- जिंदगी जीने के दो तरीके हैं पहला यह है कि कुछ चमत्कार नहीं है दूसरा यह है कि दुनिया की हर चीज चमत्कार है।
- एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो।
- वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
- आपको खेल के नियम सीखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे।
- मूर्खता और बुद्धिमत्ता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमत्ता की एक सीमा होती है।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death)
अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़कर जाना पड़ा क्योंकि तब वहां पर हिटलर का समय था अल्बर्ट आइंस्टीन कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ सीखा दिया और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts)
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार भी मिला किंतु उसकी राशि उन्हें नहीं मिल पाई।
- अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति पद के लिए भी अवसर मिला।
- अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्सिटी कि दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश्त बहुत खराब होने के कारण उनको किसी का नाम, नंबर याद नहीं रहता था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नहीं थी इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था।
- अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरु मंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।”
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म कब हुआ था?
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु कब हुई थी?
अल्बर्ट आइंस्टीन का कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई।
अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार कब मिला?
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भौतिकी महान वैज्ञानिक में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय | Albert einstein biography in hindi
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सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक जिनका नाम जीनियस शब्द का पर्यायवाची माना जाता है, जिन्होने अपनी खोज से पूरी दुनिया को ही बदल कर रख दी। और आज के समय में जितने भी आधुनिक टेक्निकल उपकरण है, जो इन्ही के बनाए फॉर्मूले पर चल रही है।
जिन्होंने भौतिक शास्त्र की दुनिया ही बदल कर रख दी। और जब उनका मृत्यु हुए था तब दकत्रो ने उनके दिमाग पर रिसर्च किया था की ऐसा किया है इनके दिमाग में जो ये इतने बड़े जीनियस थे। तो आइए हम जानते है उसी महान जीनीयस Albert instian biography in hindi के बारे में।
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय,albert einstein biography in hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन संक्षिप्त परिचय.
नाम | अल्वर्ट हेर्मनन्न आइंस्टीन |
पिता | हेर्मनन्न आइंस्टीन |
माता | पॉलिन कोच |
जन्म | 14 मार्च 1879 |
जन्म स्थान | उल्म, जर्मनी |
उम्र | 76 वर्ष |
स्कूल | कैथोलिक एलिमेंट्री स्कूल मुनिच |
कॉलेज | स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिक |
पत्नी | मालवा मेरिक(पहली पत्नी) एलीसा आइंस्टाइन (दूसरी पत्नी) |
बच्चे | हैंस अल्बर्ट आइंस्टाइन, एडवर्ड अल्बर्ट आइंस्टाइन |
नागरिकता | जर्मनी, सुजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका |
जाती | अहुदि |
गृहनगर | जर्मनी |
मृत्यु | 18 अप्रैल 1955 |
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और परिवार ( albert einstein birthday and female)
अल्बर्ट आइंस्टीन जन्म 14 मार्च 1879 को विश्व युद्ध के समय जर्मनी के एक छोटे से शहर अलम में एक अहुदी परिवार में हुआ था। उस समय जर्मनी में हिटलर का राज चलता था। उनके पिताजी का नाम हरमन आइंस्टीन जो एक इंजिनियर और सेल्स मैन थे। उनकी मां का नाम पॉलिन कोच आइंस्टीन था।
बचपन में उनका सर नॉर्मल बच्चो से बड़ा था, पर धीरे धीरे उनका सर नॉर्मल साईज में आ गया। और 4 साल की उम्र तक यह नहीं बोलते थे। इस कारण से इनके माता-पिता को टेंशन होने लगा था कि क्या मेरा बेटा गूंगा तो नहीं है। कहा जाता है कि आइंस्टीन ने पहली बार the soup is too hot बोले थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की बचपना ( albert einstein childhood)
7 साल की उम्र तक इन्हें भाषा पाकर में नहीं आती थी। इसीलिए वे सेंटेंस को अपने माइंड में बार-बार दोहराते रहते थे। बचपन में वे अपने पिता के बहुत करीब था। अपने पिता से हमेशा अटपटी सवाल पूछा करते थे। एक बार अल्बर्ट के पिता जी ने उनके जन्म दिन पर एक कंपास गिफ्ट किया था।
उन्होंने पिता जी से पूछा पिता जी ये कंपास की सुई हमेशा हिलती किया रहती उनके पिता जी ने उन्हे समझाए और तब से आइंस्टीन को भौतिक शास्त्र में रुचि बढ़ने लगा। अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के एक साल बाद इनका परिवार मंच शहर जाकर रहने लगे।
वहा उनके पिताजी और चाचा जाकोब आइंस्टीन ने मिलकर एक कंपनी शुरू की जिसका नाम Elctrotechnische Fabrik J. Einstein & cie था। और उस समय थॉमस अल्वा एडिसन का दबदबा मार्केट में था, कियोकि उस समय एडिशन ने बल्ब का आविष्कार किया।
1894 में इनकी पिता जी की कंपनी बहुत घाटे में चली गई और कंपनी को बेचना पड़ा। अल्बर्ट के पिताजी एक अच्छे व्यापार की तलाश में जर्मनी से इटली के मिलन शहर या गए। और मिलन में कुछ दिन तक रहे, और बाद में पविया नाम की शहर में जाकर रहने लगे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा ( albert einstein qualification)
अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ने में काफी तेज या कोई टॉपर नही थे। बचपन में तो प्रिंसीपल ने मां को एक चिट्ठी भेजी जिसमे लिखा था। आपका बेटा मंदबुद्धि है, और पढ़ नही सकता। और स्कूल से निकल दिया। तब आइंस्टीन ने पूछा मां मुझे क्यों निकल दिया। मां ने आइंस्टीन को उस चिट्ठी के विपरित बताया की बेटा प्रिसिपल ने कहा की आपका बेटा बहुत जीनियस है , मैं इसे पढ़ा नहीं सकता।
उन्होंने अपनी प्रारंभ शिक्षा 5 साल की उम्र से कैथोलिक एलिमेंट्री स्कूल मुनिच से की और 3 साल बाद प्राइमरी और स्केंड्री स्कूल की पढ़ाई लाउटपोल्ड जिम्नेशियम स्कूल से पूरी जिसका नाम बाल कर वर्तमान में अलबर्ट आइंस्टीन स्कूल रखा है।
अल्बर्ट 12 साल की उम्र में पाइथागोरस थ्योरम का एक अलग ही नियम बना दी और 14 साल के उम्र में ही कैलकुलस, डिफरेंटशिएशन और इंटीग्रेशन जैसे कठिन गणित के विषयो में महारत हासिल कर लिए थे। लेकिन गणित और भौतिकी शास्त्र को छोड़कर और सभी विषयों को पढ़ने में जरा भी इंटरेस्ट नहीं था।
उनका कहना था कि इतिहास विषयों मैं जो डेट होता है उसे हम क्यों पढ़ें या याद रखें, इसका क्या फायदा है। 1894 को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने परिवार के यहां इटली पहुंच गए। 1895 में उन्होंने स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक इन जुरीच का इंट्रेस एग्जाम दिए और उसमें भौतिक शास्त्र और गणित को छोड़कर सभी विषयों में हो गए।
उस स्कूल के प्रिंकपेल ने साल दिया की फिर एग्जाम देना तब तक तुम कही और जाकर पढ़ाई करो। उसके बाद उन्होंने अपने फैमली प्रोफेसर जोस्ट विंटलर के घर रहने लगे और वहा एरोगोवियन सेंट्रल स्कूल इन आर्य सुजरलैंड में नामांकन करवाए। और वही प्रोफेसर की बेटी से प्यार गया।
1896 मैं उन्होंने फिर से दोबारा एंट्रेंस एग्जाम दिए और फाइनली जुरिच पॉलिटेक्निक में स्लेक्सेशन हो गया। जब यह पहले दिन क्लास गए तो टीचर ने एक साल पूछा पर भी उसका जवाब नहीं दे पाए। तब उसी क्लास की एक लड़की मालवा मेरिक ने जवाब दिया। मालवा मेरिक भी भौतिक शास्त्र की बहुत अच्छी स्टूडेंट थी जो आगे जाकर उनकी पत्नी बनी।
अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह, Albert Einstein marriage
अल्बर्ट आइंस्टीन और मालवा मेरिक की शादी 1903 में हुआ था। जब रिसर्च पेपर बनाया करते थे तो उसमें मालवा मेरिक भी मदद क्या करती थी। वह चाहती थी की यह शोध पेपर जब पब्लिश हो तो उसने मेरा भी नाम हो। लेकिन जब यह पेपर पब्लिश हुआ तो उसमें मालवा मेरिक नाम नहीं था।
और इस वजह से मेरिक डिप्रेशन में चली गई, और दोनों के बीच विवाद बढ़ गया, और दोनों के बीच तलाक हो गया। तलाक से पहले उन्हें दो बेटा था। बड़ा का नाम हंस आइंस्टीन जिनका जन्म मई 1940 में हुआ था। और छोटा बेटा एडवर्ड आइंस्टीन जिनका जन्म जुलाई 1910 को हुआ था।
तलाक के कुछ समय बाद से अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी कजन ऐसा लोंथल के बीच उनकी नजदीकियां बढ़ने लगा था। और कुछ समय बाद 1919 में उन्होंने ऐसा से शादी कर लिए। 1936 में किसी कारण बस ऐसा की मृत्यु हो गई।
अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रारंभिक कैरियर,Albert Einstein career
1900 में ग्रेजुएशन फाइनल करने के बाद उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। तो उन्होंने एक क्लर्क की नौकरी की। उसके बाद उन्होंने को पढ़ाना शुरू किए , पढ़े ही सफल नहीं हो पाया। उसके बाद फिर उन्होंने एयरटेल ऑफिस में एक क्लर्क का काम करने लगे जहां उन्हें रिसर्च के लिए काफी समय मिल जाता था।
2 अप्रैल 1921 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पहुंचे जहां उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था। 1992 में उन्हें law of theoretical physics and electro effect के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था। नोबेल पुरस्कार के सभी प्राइज मनी उन्होंने अपनी पहली पत्नी मालवा मेरिक को दे दिया। ताकि वे अपने बच्चों का परवरिश ठीक तरह से कर सकें।
1930 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने दूसरी बार अमेरिका गए इस बार वे California institute of technology mein एक रिसर्च अट बनकर काम करने गए थे। 1933 को जर्मनी में हटकर कादर दवा काफी बढ़ गया था। जर्मनी के घर में हिटलर ने कई बार रेट डाला पर आइंस्टाइन नहीं मिले तो हिटलर ने उनके फोटो को लगा कर जगह जगह पर तलाश करने लगा और उस पर $5000 का इनाम दे रखा था और लिखा था एक ऐसा शख्स है जिसे अभी तक फांसी नहीं दिया गया।
उस समय जर्मनी ने आहुति जाति के लिए एक लॉ जारी किया था जिसमें यहूदी कहीं भी गवर्नमेंट जॉब नहीं कर सकते थे ना ही कोई यूनिवर्सिटी में काम कर सकता था। उसके बाद उन्होंने 1935 में जर्मनी छोड़ दिया और अमेरिका चली आए। और 7 साल बाद उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिल गई है। अमेरिका के FBI ने जर्मनी का सीक्रेट एजेंट समझकर बहुत दिनों तक परेशान किया। फिर बाद में सब ठीक हो गया।
अल्बर्ट आइंस्टीन का रिसर्च ( Albert Einstein research)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन काल में 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। कुछ रिसर्च में आइंस्टीन की पहली पत्नी मालवा मेरिक ने मदद किया था।
Albert einstein e=mc2
उन्होंने अपने जीवन में कई सारे खोज किए ही पर विश्व विख्यात प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने का वजह E=MC² रहा था। इस इक्वेशन का खोज उन्होंने 1945 में किया था। E=MC² में परमाणु द्रव्यमान और ऊर्जा का यह समीकरण है जिससे आज परमाणु ऊर्जा और क्लियर ऊर्जा जैसे खतरनाक मिसाइल बनाने में इस फार्मूले का यूज़ होता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रकाशित की गई क्वांटम थ्योरी ऊर्जा का एक छोटा सा प्रारूप है चीन की रचना को फोटो कहा जाता है। जिस माध्यम से धातु से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन को समझा जाता है। उसके बाद उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट खिचड़ी प्रकाशित किया। जिसके माध्यम से टेलीविजन का आविष्कार किया गया, आज के युग में कई सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो फोटो इलेक्ट्रॉन इफेक्ट की थड़ी पर आधारित है।
उसके बाद उन्होंने ब्रोवनियन मूवमेंट थ्योरी को प्रकाशित किया। इस खोज को सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज भी कहा जाता है जिसमें उन्होंने परमाणु के निलंबन जिगजैक मोमेंट की गणना की है। जोकि परमाणुओं के अस्तित्व को प्रमाणित करता हमें
उसके बाद उन्होंने अगली खोज स्पेशल थ्योरी ऑफ रियलिटी को प्रकाशित किया जैसे गति और प्रकाश के बारे में समझा जा सकता है। आइंस्टीन की जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी इसमें उन्होंने स्पेस में गुरुत्वाकर्षण और द्रव्यमान को बताता है। 1939 में आई स्टैंड ने एटॉमिक बॉम्ब की संरचना में भी उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा।
आइंस्टीन ने एक रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया था जिसे इन का सबसे छोटा आविष्कार भी माना जाता है इसमें उन्होंने अमोनियम पानी और ब्रिटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उत्पन्न कर सके इसलिए उन्होंने बनाया। इसी तरह से उन्होंने कई सारे सवाल पात्र और अविष्कार किए जिस का यूज़ आधुनिक टेक्नोलॉजी उपकरण बनाने में किया जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टाइन की रोचक बातें ( albert einstein facts)
अल्बर्ट आइंस्टीन अपने प्रोजेक्ट का हल प्रयोगशाला में करने से पहले वह अपने दिमाग में ही सब कुछ कर लिया करते थे।
अल्बर्ट आइंस्टाइन बचपन से कोई टॉपर स्टूडेंट नहीं रहे वह एक मिडिल व के स्टूडेंट रहे उन्हें बचपन से पढ़ने और बोलने में मैं बहुत कमजोर थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक साइंटिस्ट ने उनके दिमाग को चोरी कर लिया था रिसर्च किया और फिर 20 साल तक एक जार बंद करके रखा था।
अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला उन्होंने नोबेल पुरस्कार की प्राइस अपनी पहली पत्नी मालवा मैरिको दे दिया ताकि वे अपनी बेटे की परवरिश अच्छी तरह से कर सकें।
अल्बर्ट आइंस्टाइन को राष्ट्रपति बनने का भी मौका मिला था पर उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिए।
अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्स केंट एस एग्जाम में गणित और भौतिक शास्त्र को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन का दांत बहुत कमजोर था वह किसी व्यक्ति के नाम और नंबर आज नहीं रख पाते थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखों को सुरक्षित तरह से एक म्यूजियम में रखा गया है।
अल्बर्ट आइंस्टीन कहा करते थे कि अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।
अल्बर्ट आइंस्टीन का पुरस्कार और सम्मान ( Albert Einstein Awards and Honors)
- 1921 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
- 1921 में मत्तयुक्की मेडल से सम्मानित किया गया था।
- 1925 में को कोपले मेडल से सम्मानित किया गया था।
- 1929 में मैक्स प्लांक मेडल से सम्मानित किया गया था।
- 1999 में शताब्दी टाइम पर्सन पुरस्कार से सम्मानित किया गया
अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु,albert einstein death
जर्मनी में उस समय हिटलर का काफी दबाव बढ़ गया था और अल्बर्ट आइंस्टाइन यहूदी होने के कारण उन्हें जर्मनी छोड़कर अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में आकर रहना पड़ा था। और वहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे और वही 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई
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अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी
दुनिया से सबसे बुद्धिमान और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को शायद ही कोई नहीं जानता हो, उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, बल्कि अपनी कई खोजों के माध्यम से कठिन से कठिन चीजों का बेहद आसान बना दिया और अपने सफल अविष्कारों से विज्ञान को एक नई दिशा दी।
अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल भौतिक शास्त्री भी थे, जिन्होंने दुनिया में सबसे प्रसिद्ध द्रव्यमान और ऊर्जा का समीकरण सूत्र दिया।
इसके अलावा उन्होंने 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया, वहीं उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में कई बार असफलता पाने के बाबजूद भी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे और सफलता हासिल कर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की।
वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से लेकर उनके महान वैज्ञानिक बनने तक के सफर के बारे में बताएंगे , साथ ही उनके जीवन के संघर्षों के बारे में भी चर्चा करेंगे, तो आइए जानते हैं, दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में –
अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi
अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन | |
14 मार्च 1879 | |
उल्मा (जर्मनी) | |
हेर्मन्न आइंस्टीन | |
पौलिन कोच | |
स्विट्जरलैड में उन्होंने अपनी शिक्षा प्रारंभ की।, ज्युरिच के पॉलिटेक्निकल अकादमी में चार साल बिताये।, 1900 में स्तानक की उपाधि ग्रहण कर स्वीटजरलैड का नागरिकता का स्वीकार कर ली।, 1905 में आइंस्टीन ने ज्युरिंच विश्वविद्यालय से P.H.D. की उपाधि प्राप्त की। | |
पहला मरिअक के साथ दूसरा एलिसा लोवेंन थाल के साथ | |
18 अप्रैल, 1955 |
जन्म और शिक्षा –
दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जर्मनी के उल्म शहर में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च साल 1879 को जन्में थे। वे हेर्मन आइंस्टीन और पौलिन कोच की संतान थे। उनके पिता एक इंजीनियर और सलेस्मैन थे, वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के थोड़े दिनों बाद ही उनका परिवार म्युनिच में शिफ्ट हो गया, जिसके चलते म्युनिच में ही आइंस्टीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की।
आपको बता दें कि अल्बर्ट आइंस्टीन को शुरु से ही किताबी ज्ञान में कोई रुचि नहीं थी, बचपन में जिद्दी और कमजोर बच्चों में उनकी गिनती होती थी। उनकी कुछ हरकतों की वजह से उन्हें कुछ अध्यापकों ने तो शारीरिक रुप से विकलांग तक कहना शुरु कर दिया था।
आइंस्टीन के बारे में यह भी कहा जाता है कि 9 साल की उम्र तक वे ठीक तरीके से बोल भी नहीं पाते थे।
लेकिन बचपन से ही वे कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करते रहते थे, उनका कंपास की सुई की दिशा, प्रकृति के नियमों आदि में उनका मन रमता था। वहीं म्यूजिक से उन्हें बचपन से ही काफी लगाव था, यही वजह है कि उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में वायलिन बजाना सीख लिया था, और अपने जीवन के खाली समय में वे अक्सर इसे बजाते थे।
इसके अलावा महज 12 साल की उम्र में उन्होंने ज्यामिति की खोज की थी और वे इतनी तेज बुद्दि के छात्र थे कि महज 16 साल की उम्र में वे गणित के कठिन सवालों को भी चुटकियों में हल कर देते थे।
आपको बता दें कि 16 साल की उम्र में ही आइंस्टीन ने अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली थी, इसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लेना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए इंतिहान भी दिया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीचर की सलाह को मानते हुए स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ से डिप्लोमा किया।
इसके बाद साल 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने स्विज फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और इस दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड की नागरिकता भी हासिल की वहीं इसके 5 साल बाद साल 1905 में उन्होंन PHD की डिग्री हासिल की
कैरियर –
PHD की डिग्री हासिल करने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति की गई। इस दौरान उन्होंने अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान से संबंधित एक डॉक्यूमेंट भी लिखा।
इसके कुछ दिनों के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल के लिए चुने गए। इसके बाद फिर वे फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्रिंसिपल बनाए गए।
साल 1913 में मशहूर वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ने आइंस्टीन को बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आइंस्टीन बर्लिन चले गए।
फिर साल 1920 में उन्हें हॉलैंड में लंदन की यूनिवर्सिटी की तरफ से आजीवन रिसर्च करने और लेक्चर देने का ऑफर मिला । वहीं इसके बाद विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्धारा की गई तमाम खोजों के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी दिए दिए।
वहीं जब आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से जुड़े उस समय उनका कैरियर एक नए मुकाम पर पहुंचा। इसके बाद उन्होंने अपने प्रयोगों से कई नए अविष्कार कर विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान की।
अविष्कार –
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी:.
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में आइंस्टीन ने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटोन कहा और इसकी तरंगों की खासियत बताई है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ धातुओं के इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन और फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना को समझाया. वहीं इसी खोज के आधार पर टेलीविजन की खोज की गई।
E = MC square
साल 1905 में आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक ऐसा फॉर्मूला बनाया जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।
रेफ्रिजरेटर की खोज:
आइंस्टीन ने बेहद कम समय में रेफ्रिजरेटर की खोज की थी। इसमें उन्होंने अमोनिया, ब्यूटेन और पानी और ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल किया था।
स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी:
आइंस्टीन ने अपनी इस थ्योरी में गति और समय के सम्बन्ध को समझाने की कोशिश की है।
आसमान नीला होता है:
इसमें आइंस्टीन के प्रकाश के प्रकीर्णन (Light Scattering) के बारे में बताया था, और इसी वजह से आसमान का रंग नीला होता है।
इसके अलावा भी अल्बर्ट आइंस्टीन में अपने कई अद्भुत अविष्कारों से विज्ञान के विकास को गति प्रदान की।
शादी –
विश्व के इस महान वैज्ञानिक ने अपने जीवन में दो शादियां की थी। वे स्कूल में मिलेना मरिअक से मिले थे, जिसके बाद साल 1903 में उन दोनो ने शादी कर ली, उन्हें इस शादी से तीन संतानें भी प्राप्त हुईं थी, हालांकि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और साल 1919 में उन दोनों में तलाक हो गया। इसके बाद आइंस्टीन ने एलिसा लोवेस से अपनी दूसरी शादी रचा ली।
पुरस्कार –
विज्ञान के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान देने और महान खोजों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जो कि निम्नलिखित है –
- साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
- साल 1921 में ही उन्हें मत्तयूक्की मैडल से नवाजा गया।
- साल 1925 में आइंस्टीन को कोपले मैडल से भी नवाजा गया।
- साल 1929 में मैक्स प्लांक मैडल से भी आइंस्टीन सम्मानित किया गया।
- साल 1999 में उन्हें शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी दिया गया।
मृत्यु –
जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यजर्सी में आकर रहना पड़ा, जहां प्रिस्टन कॉलेज में काम करते हुए 18 अप्रैल, साल 1955 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने महान खोजों के द्धारा विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और मुश्किल से मुश्किल चीजों को बेहद आसान बना दिया। वहीं कई बार हार जाने के बाद भी वे रुके नहीं और अपने प्रयासों को एक दिन दुनिया के सामने लाकर खुद को साबित किया और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की।
अल्बर्ट आइंस्टीन सुविचार –
- दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता।
- जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
- ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।
46 thoughts on “अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी”
You have given very interesting information about Albert Einstein. Here you have explained all the facts very beautifully.
Sir kya Albert Einstein bachpan me bohot kamzor the aur kya unhe school se nikal diya gaya tha ?
very nice article sir ji …. thank you
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प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi
Albert Einstein Biography & History in Hindi / अलबर्ट आइंस्टाइन एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सैद्धांतिक भौतिकविद् थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत दिये। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, ख़ासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार मिला था।
अलबर्ट आइंस्टाइन का परिचय – Albert Einstein Biography in Hindi
अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन (Albert Hermann Einstein) | |
14 मार्च, 1879 | |
उल्म, जर्मनी | |
18 अप्रैल 1955 | |
नई जर्सी, | |
हेर्मन्न आइंस्टीन | |
पौलिन कोच | |
पहली पत्नी – मरिअक, दूसरी पत्नी – एलिसा लोवेन्न थाल | |
स्विट्ज़रलैंड, ज्यूरिच पॉलीटेक्निकल अकादमी | |
जर्मनी, अमेरिका | |
भौतिकी का , मत्तयूक्की मैडल, कोपले मैडल, मैक्स प्लांक मैडल, शताब्दी के टाइम पर्सन. |
जाने-माने बुद्धिजीवी और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन जो की 20 वीं सदि के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
एक बार उन्होने अपने गुरु से पूछा ‘श्रीमान मैं अपनी बुद्धी का विकास कैसे कर सकता हूँ?’ अध्यापक ने कहा – अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है। उस बालक ने निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर ही मैं एक दिन सबसे आगे बढकर दिखाऊँगा। बाल्यकाल से अध्यापकों द्वारा मंद बुद्धी और अयोग्य कहा जाने वाला ये बालक अपने अभ्यास के बल पर ही विश्व में आज सम्मान के साथ जाना जाता है। इस बालक को दुनिया आइंस्टाइन के नाम से जानती है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन से सफलता प्राप्त कर सकता है। आइये आज हम इस प्रतिभावान वैज्ञानिक के प्रेरणादायक जीवन के बारे में जानते हैं ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा – Early Life of Albert Einstein
आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी में वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हर्मन आइंस्टाइन एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। उनकी मां पौलीन आइंस्टीन थी। हालाँकि आइंस्टीन को शुरू-शुरू में बोलने में कठिनाई होती थी, लेकिन वे पढाई में अव्वल थे। उनकी मातृभाषा जर्मन थी और बाद में उन्होंने इटालियन और अंग्रेजी सीखी।
अलबर्ट आइंस्टाइन आगे बढने की चाह हमेशा उनपर हावी रहती थी। पढने में मन नहीं लगता था फिर भी किताब हाँथ से नहीं छोङते थे, मन को समझाते और वापस पढने लगते। कुछ ही समय में अभ्यास का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा। शिक्षक भी इस विकास से दंग रह गये। गुरु मंत्र के आधार पर ही आइंस्टाइन अपनी विद्या संपदा को बढाने में सफल रहे। आगे चल कर उन्होने अध्ययन के लिये गणित जैसे जटिल विषय को चुना। उनकी योग्यता का असर इस तरह हुआ कि जब कोई सवाल अध्यापक हल नहीं कर पाते तो वे आइंस्टाइन की मदद लेते थे।
1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की। वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।
गुरु मंत्र को गाँठ बाँध कर आइंस्टाइन सफलता की सीढी चढते रहे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आगे की पढाई में थोङी समस्या हुई। परन्तु लगन के पक्के आइंस्टाइन को ये समस्या निराश न कर सकी। उन्होने ज्युरिक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया। शौक मौज पर वे एक पैसा भी खर्च नहीं करते थे, फिर भी दाखिले के बाद अपने खर्चे को और कम कर दिये थे।
उनकी मितव्ययता का एक किस्सा आप सभी से साझा कर रहे हैं। “एक बार बहुत तेज बारिश हो रही थी। अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी हैट को बगल में दबाए जल्दी-जल्दी घर जा रहे थे। छाता न होने के कारण भीग गये थे। रास्ते में एक सज्जन ने उनसे पूछा कि –“भाई! तेज बारिश हो रही है, हैट से सिर को ढकने के बजाय तुम उसे कोट में दबाकर चले जा रहे हो। क्या तुम्हारा सिर नहीं भीग रहा है?
आइंस्टीन ने कहा –“भीग तो रहा है परन्तु बाद में सूख जायेगा, लेकिन हैट गीला हुआ तो खराब हो जायेगा। नया हैट खरीदने के लिए न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही समय।“
करियर और अविष्कार – Albert Einstein Inventions
1895 में आइंस्टीन ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु स्विट्ज़रलैंड गये। जब वे अपने परिवार के साथ कुछ दिनों तक रह रहे थे तभी उन्हें विन्टेलेर की बेटी मैरी से प्रेम हुआ।
जनवरी 1896 में उनके पिता के आदेश पर उन्होंने फिर से जर्मन नागरिकता स्वीकार की। सितम्बर 1896 में, उन्होंने स्विस की परीक्षा पास की और इस समय उन्हें अच्छे ग्रेड मिले थे, जिनमे भौतिकी और गणित में वे टॉप 6 में से एक थे। फिर जुरिच पॉलिटेक्निक में उन्होंने 4 साल का गणित और भौतिकी का डिप्लोमा पूरा किया। जहा मैरी विन्टेलेर ओल्सबर्ग, स्विट्ज़रलैंड चली गयी।
अल्बर्ट आइंस्टीन की भविष्य की पत्नी मीलेवा मारीक ने भी उसी साल पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले रखा था। गणित और भौतिकिशास्त्र के 6 विद्यार्थियों में से वो अकेली महिला थी। और कुछ ही सालो में मारिक और आइंस्टीन की दोस्ती, प्यार में बदल गयी। बाद में वे लम्बे समय तक साथ में रहने लगे, साथ में पढने लगे और आइंस्टीन को भी उनमे बहुत दिलचस्पी आने लगी थी।
1900 में, आइंस्टीन को जुरिच पॉलिटेक्निक डिप्लोमा से पुरस्कृत किया गया लेकिन मारिक को गणित में कम ग्रेड होने की वजह से वह फेल हो गयी। ऐसा कहा जाता है की मारिक ने परीक्षा के दौरान आइंस्टीन की असंवेधानिक तरीके से सहायता की थी, लेकिन इसके कोई सबूत हमें इतिहास में नहीं दिखाई देते है।
आइंस्टीन को प्रतिकूल परिस्थिती में भी आगे बढने के लिये प्रेरित करती रही। उनके विचारों ने एक नई खोज को जन्म दिया जिसे सापेक्षतावाद का सिद्धान्त (Theory of Relativity; E=mc^2) कहते हैं। इस सिद्धानत का प्रकाशन उस समय की प्रसिद्ध पत्रिका “आनलोन डेर फिजिक” में हुआ। पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों और बुद्धीजीवियों पर इस लेख का बहुत गहरा असर हुआ। एक ही रात में आइंस्टीन विश्वविख्यात हो गये। जिन संस्थाओं ने उन्हे अयोग्य कहकर साधारण सी नौकरी देने से मना कर दिया था वे संस्थाएं उन्हे निमंत्रित करने लगी। ज्युरिक विश्वविद्यालय से भी निमंत्रण मिला जहाँ उन्होने अध्यापक का पद स्वीकार कर लिया।
आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।
सन् 1919 में इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी ने सभी शोधों को सत्य घोषित कर दिया था। जर्मनी में जब हिटलरशाही का युग आया तो इसका प्रकोप आइंस्टाइन पर भी हुआ और यहूदी होने के नाते उन्हे जर्मनी छोङकर अमेरीका के न्यूजर्सी में जाकर रहना पङा। वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अंत समय तक अपनी सेवाएं देते रहे।
आइंस्टाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आइंसटाइन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें लिखीं। 1999 में टाइम पत्रिका ने शताब्दी-पुरुष घोषित किया। एक सर्वेक्षण के अनुसार वे सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माने गए। आइंसटाइन शब्द बुद्धिमान का पर्याय माना जाता है।
पुरस्कार – Albert Einstein Award Winners List
1) भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)
2) मतटेउक्सी मेडल (1921)
3) कॉप्ली मेडल (1925)
4) मॅक्स प्लॅंक मेडल (1929)
5) टाइम पर्सन ऑफ थे सेंचुरी (1999)
अल्बर्ट आइंस्टीन मृत्यु – Albert Einstein Death
18 अप्रैल, 1955 को अलबर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु प्रिंसटन अस्पताल न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुई। कहा जाता है की अच्छी संगती और अच्छे विचार इंसान की प्रगति का द्वार खोल देते है। ये दोनों ही हमारे जीवन में बहुत मायने रखते है। अल्बर्ट आइंस्टीन का हमेशा से यही मानना था की हम चाहे कोई छोटा काम ही क्यू ना कर रहे हो, हमें उस काम को पूरी लगन और सच्चाई के साथ करना चाहिये, तबी हम एक बुद्धिमान व्यक्ति बन सकते है।
और अधिक लेख –
- सर आइज़क न्यूटन की जीवनी व नियम
- स्टीफन हॉकिंग के 50 अनमोल विचार
- डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग का जीवन परिचय
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8 thoughts on “प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | albert einstein biography in hindi”.
बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है अल्बर्ट आइन्स्टीन की।
very impressive biography of einstein…….thanks for share……
अल्बर्ट आइन्स्टीन जी ने हमें सिखाया आर्थिक स्तिथि कमजोर होने के करना भी हमें कामयाबी पाने से कोई नहीं रोक सकता
really very impressive biography of sir Albert eistein thanks
अल्बर्ट आइंस्टीन सर के बारे में आपने एक अच्छी जानकारी के साथ ही , उनके जीवन की कई और भी पहलू बताए है , जो कि कुछ ना कुछ सीखने की प्रेरणा देते है ,
जैसे उनकी हेट गीली ना हो उसकी चिन्ता करना , सर अल्बर्ट से हमे वाकई में बहुत कुछ सीखने को मिला है । इस आर्टिकल के लिये धन्यवाद ।।
Very motivational and inspiring.
Thankyou for this great article.
Bahut hi achi post hai
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अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani
Reported by Rohit Kumar
Published on 12 August 2024
अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी विज्ञान की शिक्षा के आधार पर महत्वपूर्ण है। अल्बर्ट आइंस्टीन मानव इतिहास के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे। यह 20वी शताब्दी के शुरूआती 20 वर्षो तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। इन्होने अपनी खोजो के आधार पर अंतरिक्ष, गुरुत्वाकर्षण, समय गति के सिद्धांत दिए।
यह उस समय के सबसे महान, विद्वान् और लोकप्रिय वैज्ञानिक थे। आइंस्टीन हमेशा कहते थे कि मैं कोई महान व्यक्ति नहीं हूँ मैं भी अन्य लोगो की तरह सामान्य ही हूँ मेरे अंदर बस जिज्ञासा कूट कूट कर भरी है।
तो चलिए जानते है ऐसे विश्व विख्यात महान वैज्ञानिक के बारे में। आज हम आपको बतायेगे अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani . विषय समबन्धी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़े :-
अल्बर्ट के अंदर एक असमान्य चीज थी जो उनको अन्य बच्चो से भिन्न बनाती थी वो था उनका सर। उनका सर बचपन में किसी सामान्य बच्चे की तुलना अधिक बड़ा था जो समय के साथ ठीक हो गया । जैसे जैसे वे बड़े होते रहे वे पूरी तरह सही से बोल नहीं पाते थे उन को बोलने में कठिनाई होती थी। और लगभग 4 वर्ष की उम्र तक वे कुछ भी नहीं बोल पाए।
एक दिन जब आइंस्टीन अपने परिवार के साथ बैठ कर भोजन ग्रहण कर रहे थे तो इन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोड़ते हुए बोला कि सूप बहुत गर्म है। इस घटना से इनके माता पिता एक दम हैरान रह गए और बेहद ही खुश हुए।
बचपन में इनको अपनी उम्र के बच्चो के साथ खेलना पसंद नहीं था। उनकी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया थी वे हमेशा पेड़ पौधो और इस ब्रह्माण्ड के बारे में सोचते रहते थे। उनके आतंरिक मैं में हमेशा ये बात रहती थी कि ये दुनिया आखिर चलती कैसे है।
आइंस्टीन के अंदर पहली बार विज्ञान के प्रति रूचि तब पैदा हुई जब उनके पिता जी ने उनको एक magnetic compass (चुम्बकीय परकार) ला कर दिया। कंपास को देख कर वे बहुत खुश हुए। लेकिन जब उन्होंने देखा की उस मैग्नेटिक कंपास की सूई हमेशा उत्तर दिशा की तरफ रहती है तो वे यह देख कर काफी हैरान भी हुए। नीचे आपको विस्तृत रूप से अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी के बारे में बताया जा रहा है।
जन्म और परिवार
Albert Einstein का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी के उल्म नामक शहर में हुआ था। यह एक यहूदी परिवार में जन्मे थे। इनके पिता जी का नाम हरमन आइंस्टीन और इनकी माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था। इनके पिता एक इंजीनियर थे और बिजली उपकरणो की सप्लाई करते थे।
इनका परिवार 1880 में म्यूनिख में रहने चला गया था। वहाँ इनके पिता जी और इनके चाचा ने एक कंपनी की स्थापना की जो बिजली के उपकरण बनती थी। अल्बर्ट के जन्म के 2 साल बाद उनकी बहन माजा का जन्म हुआ।
प्रारंभिक शिक्षा
5 वर्ष की उम्र में आइंस्टीन को कैथोलिक प्राइमरी स्कूल में डाल दिया लेकिन उनको स्कूल जाना बिलकुल पसंद नहीं था। बोलने में होने वाली कठिनाई के कारण इन्होने स्कूल जाना बहुत देर में शुरू किया। 9 साल की उम्र तक वे साफ़ नहीं बोल पाते थे।
Albert Einstein बचपन में एक अच्छे स्टूडेंट नहीं थे पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उनको मंदबुद्धि भी कहा जाता था। 8 वर्ष की उम्र में उनका एडमिशन लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल में हुआ।
आइंस्टीन को लगता था कि उनके अध्यापक समझाने से ज्यादा किताबो को रटना सिखाते थे। फिर वे अपने अध्यापको से बहुत से अलग अलग प्रकार के सवाल करते थे। जिस बात से परेशान होकर उनके अध्यापक उनको मंदबुद्धि कहते थे। ये सब सुनने के बाद उनको लगा की उनकी बुद्धि का सम्पूर्ण विकास नहीं हुआ है।
उन्होंने दृढ निश्चय कर लिया कि अब वे भी सबसे आगे निकल कर दिखाएंगे। उस दिन के बाद आगे बढ़ने की चाह लेकर वे ज्यादा समय पढ़ने में बिताने लगे। कुछ ही समय में उनके इस अभ्यास का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देना लगा जिसे देख कर उनके अध्यापक भी दंग रह गए।
उच्च शिक्षा
12 वर्ष की उम्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने पाइथागोरस थियोरम का अपना ही प्रूफ दे डाला और 14 वर्ष की उम्र में इंटीग्रल कैलकुलस में निपूर्ण हो गए थे। अल्बर्ट के अंकल जैकब उनकी पढ़ने में मदद करते थे उनको जब किसी सवाल में दिक्कत आती वे उसको बड़ी आसानी में समझा देते।
इसी दौरान अल्बर्ट के पिता जी की कंपनी को नुक्सान हुआ जिस कारण कंपनी बंद करनी पड़ी और नया काम ढूंढ़ने के लिए उनका परिवार इटली के के मिलान शहर में चले गए और कुछ महीनो बाद इटली के पाविया शहर में चले गए लेकिन पढाई के लिए अल्बर्ट म्यूनिख में ही अपने चचेरे भाई के साथ रहे। 1894 में वे बीमारी का बहाना करके अपने परिवार से मिलने के लिए इटली चले गए।
16 वर्ष की उम्र में आते आते वो गणित के कठिन से कठिन सवाल भी हल कर लेते थे। । 1895 में इन्होने ज़्यूरिख में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षा दी जिसमे वे असफल रहे। लेकिन इस परीक्षा में उनके भौतिक विज्ञान और गणित में असाधारण अंक प्राप्त किये थे।
पॉलिटेक्निक स्कूल के प्रधानाचार्य की सलाह पर, उन्होंने 1895 से 1896 में स्विट्जरलैंड के आरौ में आर्गोवियन केंटोनल स्कूल में अपनी माध्यमिक स्कूली शिक्षा पूरी की। जिसके बाद 1896 में उनको ज़्यूरिख में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में प्रवेश मिल गया। सन 1900 में इन्होने अपनी पॉलिटेक्निक से ग्रेजुएशन की। 11 अप्रैल 1905 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ जुरिच से पीएचडी की।
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वैवाहिक जीवन
उनका विवाह उनकी सहपाठी मिलेवा मेरिक से हुआ था। मेरिक भी उन्ही के साथ पॉलिटेक्निक स्कूल से विज्ञान और भौतिकी विभाग में अध्य्यन पूरा करने वाली दूसरी महिला थी। इनकी शादी जनवरी 1903 में हुई थी। 1904 में उनके बेटे हंस अल्बर्ट का जन्म बर्न स्विज़रलैंड में हुआ था। उनके दूसरे बेटे एडुअर्ड का जन्म 1910 में ज्यूरिख में हुआ था।
इनकी पत्नी ने इनके बहुत सी रिसर्च में इनका पूरा साथ दिया। 1914 में आपसी झगड़ो के कारण मेरिक अपने दोनों बच्चो को लेकर Albert Einstein से अलग हो गयी और 1919 में दोनों ने एक दूसरे से तलाक ले लिया। तलाक के बाद अल्बर्ट ने एल्सा से दूसरी शादी कर ली।
करियर की शुरुआत
1900 में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद उनको अपना खर्चा चलाने के लिए कुछ काम की आवश्यकता थी इसलिए अल्बर्ट ने सोचा कि वे कोचिंग में बच्चो को पढ़ाएंगे उस समय उनको कुछ बच्चे मिले भी लेकिन उनसे प्राप्त धन घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। 1901 में उनको स्विस की नागरिकता मिल गयी थी।
1902 में उनको स्विटज़लैंड बर्न के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी में असिस्टेंट एग्जामिनर की नौकरी मिल गयी। पेटेंट ऑफिस में काम करने के लिए उन्होंने 1905 में पीएचडी की।
इसी साल उन्होंने चार अभूतपूर्व रिसर्च पेपर प्रकाशित किये फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट, ब्रोनियन मोशन, स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी और द एक्विवैलेन्स ऑफ़ मास एंड एनर्जी। जिसके बाद इनकी प्रसिद्धि बढ़ती गयी।
जिसके बाद वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ बर्न के प्रोफेसर बन गए। 1909 में वे ज्यूरिख चले गए यूनिवर्सिटी ऑफ़ ज्यूरिख में प्रोफेसर की नौकरी की। 1911 में इन्होने जेनेरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी दी जिसकी मदद से पता चलता है कि गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता है। इसी साल Albert Einstein जुरिच के प्राग में रहने लगे।
वहाँ उन्होंने चार्ल्स फर्डीनांड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी की। और उन्हें ऑस्ट्रेलियन नागरिकता भी मिली। 2 अप्रैल 1921 में वे न्यूयोर्क शहर गए और उन्हें कोलम्बिआ और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में लैक्चर देने के लिए बुलाया गया।
अपने कठिन परिश्रम और अभ्यास के चलते Albert Einstein ने गणित और भौतिक विज्ञान में महारत हासिल की। शिक्षा को लेकर उनका विचार था कि शिक्षा वो है जो आपको तब भी याद रहे जब आप सब कुछ भूल गए हो। समय के साथ साथ वे इतने बुद्धिमान हो गए कि उन्होंने बहुत सारी अद्भुत खोज की।
आज पूरा विश्व उनको सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान ऊर्जा के समीकरण E =MC 2 के लिए जानता है। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी और प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की खोज के लिए सन 1921 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। सन 1952 में अमेरिका ने अल्बर्ट आइंस्टीन के समक्ष इज़राइल का राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव रखा लेकिन अल्बर्ट ने यह प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा की वे राजनीति के लिए नहीं बने
इनसे हमे प्रेरणा मिलती है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो मंदबुद्धि और तेजबुद्धि अपने कठिन परिश्रम के बलबूते पर संसार में कुछ भी कर सकता है। यह इतने बुद्धिमान थे कि अपने दिमाग में ही पूरी रिसर्च को सोच कर पूरा प्लान कर लेते थे जो लैब के प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।
इसलिए अल्बर्ट आइंस्टीन सबसे ज्यादा बुद्धिमान व्यक्ति माने जाते है। अल्बर्ट कहते थे कि धरती का प्रत्येक इंसान जिसने इस संसार में जन्म लिया है वे जीनियस है। लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जज करोगे तो वो अपनी सम्पूर्ण जीवन में खुद को मुर्ख सोच कर जीती रहेगी। सबमे एक अलग प्रकार का टैलेंट होता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी से सम्बंधित प्रश्न उत्तर
अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों को प्रकाशित किया है।
अल्बर्ट आइंस्टीन का पहला रिसर्च पेपर 1894 में लिखा था जिसका नाम द इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ थे मैग्नेटिक फील्ड।
आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार सन 1921 में मिला था।
Albert Einstein के चाचा का नाम जैकब था।
डीके शिवकुमार जीवन परिचय | DK Shivakumar Biography in Hindi | शिक्षा, राजनैतिक करियर,परिवार,संपत्ति
Rohit Kumar
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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी व खोज (Biography Of Albert Einstein In Hindi)
इस पोस्ट Information And Biography Of Albert Einstein In Hindi में अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी और उनकी महत्वपूर्ण खोज पर प्रकाश डालेंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपनी जिद से दुनिया बदल दी। ब्रह्माण्ड के बारे में जितना हमने जाना है, उसमे अल्बर्ट आइंस्टीन का बहुत बड़ा योगदान है।
गुरुत्वाकर्षण की व्याख्या जो न्यूटन ने की थी उसी को अल्बर्ट आइंस्टीन ने समझाया। आइंस्टीन का द्रव्यमान उर्जा समीकरण E = MC2 ने विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। परमाणु बमो का बनना इसी ऊर्जा के नियम से सम्भव हो पाया था। तो आइये दोस्तों, अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जानने का प्रयास करते है।
जिंदगी जीने के दो तरीके है। पहला यह है कि कुछ चमत्कार नही है। दूसरा यह है कि दुनिया की हर चीज़ चमत्कार है। – अल्बर्ट आइंस्टीन
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Biography Of Albert Einstein In Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी में एक यहूदी परिवार में हुआ था। जन्म के समय आइंस्टीन का सर बड़ा था और करीब चार साल तक बोलना भी नही आता था। शुरुआत में अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ाई में बहुत कमजोर थे और उन्हें उनके टीचर्स मानसिक विकलांग कहते थे। गणित विषय में कमजोर आइंस्टीन ने गणित के क्षेत्र में ही आगे चलकर काफी उल्लेखनीय कार्य किये थे।
एक बार आइंस्टीन ने अपने अध्यापक से पूछा कि सर में अपनी बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हु तो अध्यापक का जवाब था अभ्यास से ही बुद्धि का विकास होगा। इसी मूलमंत्र को आइंस्टीन ने अपने मन में बसा लिया। आज दुनिया आइंस्टीन को उनकी तीक्ष्ण बुद्धि के लिए जानती है।
उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी भी अपनी रिसर्च को पेपर पर नही लिखा। उनको अपनी हर रिसर्च अपने दिमाग मे याद रहती थी। वो अपने दिमाग मे ही किसी भी प्रयोग के निष्कर्ष पर पहुंच जाते थे।
एक बार की बात है कि बचपन में आइंस्टीन (Albert Einstein) बीमार पड़ गए थे तो उनके पिता ने आइंस्टीन को एक कंपास खरीदकर दिया था। इसी कंपास से आइंस्टीन की विज्ञान में रुचि शुरू हुई। कम्पास में चुम्बक के गुरुत्वाकर्षण व्यवहार ने छोटे आइंस्टीन का ध्यान आकर्षित किया था।
उस समय जर्मन सरकार यहूदियों पर अत्याचार कर रही थी और यहूदी जर्मनी से निकाले जा रहे थे। आइंस्टीन भी जर्मनी छोड़कर अमेरिका आ बसे।
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नही की उसने कभी नया सीखने की कोशिश नही की – अल्बर्ट आइंस्टीन
अल्बर्ट आइंस्टीन की खोज (Information About Albert Einstein In Hindi)
अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) ने जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (Theory Of Relativity) की खोज की थी। इसी थ्योरी ने आइंस्टीन को विश्व प्रसिद्ध कर दिया था। Theory Of Relativity में आइंस्टीन ने समय Time और Space की व्याख्या की थी। इनके अनुसार टाइम और स्पेस एक दूसरे से जुड़े हुए है और ब्रह्मांड में समय की गति हर जगह अलग अलग है। इसके सम्बन्ध में आइंस्टीन ने 1905 में एक शोध पत्र प्रकाशित किया था।
आइंस्टीन के अनुसार समय धीमा हो जाता है जब हम प्रकाश की गति से यात्रा करे। इसके अनुसार समय यात्रा करके टाइम में आगे जाया जा सकता है लेकिन हमारी गति प्रकाश की गति से अधिक होनी चाहिए।
आइंस्टीन (Albert Einstein) का विश्व प्रसिद्ध फार्मूला E = MC2 (MC Square) में E ऊर्जा को दर्शाता है, M मास को और C वेलोसिटी को दर्शाता है। आइंस्टीन की इसी ऊर्जा समीकरण से अमेरिका ने परमाणु बम बनाया था। द्वितीय विश्व युद्ध के समय ये बम जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए थे। परमाणु बम से हुई तबाही को देखकर आइंस्टीन को अपनी खोज पर पछतावा हुआ था।
अल्बर्ट आइंस्टीन को जीवन भर अपने इस आविष्कार पर दुख और पछतावा रहा। आइंस्टीन ने ही प्रकाश की व्याख्या भी की थी की प्रकाश छोटे कणों से मिलकर बना होता है जिन्हें Tinny Particles कहते है।
अल्बर्ट आइंस्टीन का सम्मान
आइंस्टीन ने अपने पूरे जीवन मे 300 से ज्यादा शोधपत्र लिखे थे। अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिये 1921 का नोबेल पुरस्कार भी मिला था। टाइम मैगज़ीन ने अल्बर्ट आइंस्टीन को पर्सन ऑफ द सेंचुरी घोषित किया था।
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6 thoughts on “अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी व खोज (Biography Of Albert Einstein In Hindi)”
kahte hai kuch log duniya badal dete hai aue inhi me se ek Einstein the.
अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान शख्सियत
आपने अपनी जानकारी को बहुत ही उम्दा तरीके से विस्तृत किया है, आपके द्वारा दी गयी जानकारी मुझे बहुत अच्छी तरह से समझ में आये इसके लिए आपका धन्यवाद
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका भी बहुत धन्यवाद
सर सर आपने हमें अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में बहुत अच्छी बात बताई है इसके लिए धन्यवाद।
bahat hi acchi jankari share kya hai dhyanabad
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- Alexander III of Macedon – was a king of the ancient Greek kingdom of Macedon / सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट
- Jalal-ud-din Muhammad Akbar – was the third Mughal emperor / जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर
- Subhas Chandra Bose – an Indian nationalist / सुभाष चन्द्र बोस
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Albert Einstein-German-born Theoretical Physicist/अल्बर्ट आइंस्टीन
अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Albert Einstein biography in hindi
विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री Albert Einstein का कहना है कि —-“जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की, उसने कभी भी नया करने की कोशिश नहीं की” Einstein ने हमारे युग को विकसित बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपने “सापेक्षता के सिद्धांत” के और “द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण” के लिए विख्यात हैं ।इस “E = mc2” का प्रयोग मुख्यता ऑटोमिक बम को बनाने में किया जाता है जिसके लिए उन्हें फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। Einstein का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के “Hume” शहर में हुआ था ।उनके पिता का नाम Albert Einstein था जो कि एक इंजीनियर और सेल्समेन थे ।
जब Einstein पैदा हुए थे तो उनका सिर उनके शरीर के हिसाब से काफी बड़ा था। शुरू से ही वह अन्य छोटे बच्चों से अलग थे। वह छोटे बच्चों की तरह शरारते नहीं करते थे बल्कि बिल्कुल शांत रहते थे। बच्चे एक साल में बोलना शुरू कर देते हैं लेकिन इन्होंने बोलने में 4 वर्ष लगा दिए और करीब 9 वर्ष तक वह अच्छे से बोल नहीं पाते थे। इसकी वजह से उनके माता-पिता को उनकी भविष्य की चिंता होने लगी ।इनको अपने हम उम्र के बच्चों के साथ खेलना भी पसंद नहीं था। उन्होंने अपनी अलग ही दुनिया बना रखी थी। उन्हें हमेशा रविवार का इंतजार रहता था क्योंकि उनके पापा उन्हें रविवार को ही कहीं शांत जगह घुमाने ले जाते थे और वहां बैठकर वह पेड़ पौधों और इस ब्राह्मण के बारे में सोचा करते थे। उनके मन में हमेशा यह बात रहती थी कि यह दुनिया चलती कैसे है? अपनी ना बोल पाने की वजह से उन्होंने स्कूल जाना बहुत देर से शुरू किया ।
Einstein को स्कूल एक जेल की तरह लगता था। उनका मानना था कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आजाद नहीं है ।इस सोच उसके पीछे एक कारण था कि वह अपने अध्यापक द्वारा बताई गई बातों को स्वीकार नहीं करते थे क्योंकि उन्हें अध्यापक द्वारा पढ़ाई गई चीजें “अधूरी” लगती थी। वह अध्यापकों से ज्यादा प्रश्न पूछा करते थे जिससे अध्यापक उनसे नाराज रहते थे और उन्होंने Einstein को मन बुद्धि भी कहना शुरू कर दिया था। बार-बार मन बुद्धि कहे जाने के कारण Einstein को लगने लगा था कि मेरी बुद्धि अभी विकसित नहीं हुई है।
एक बार उन्होंने अध्यापक से पूछा— सर मैं अपनी बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हूं? अध्यापक ने कहा कि “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है” यह बात Einstein ने अपने दिमाग में बैठा ली और दृढ़ निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर में एक दिन सबसे आगे बढ़ कर दिखाऊंगा ।उसके बाद अपने कठिन परिश्रम व अभ्यास की मदद से उन्होंने गणित व फिजिक्स में महारथ हासिल कर ली। जिसके बाद उन्होंने बहुत सारी अद्भुत खोज की । सापेक्षता के सिद्धांत ,द्रव्यमान ऊर्जा, गति प्रकाशीय में उष्मीय गुण आदि ।आज घर बैठे इंटरनेट के द्वारा हमें जो जानकारियां प्राप्त हो रही हैं उन सभी आविष्कारों में Einstein का महत्वपूर्ण योगदान है ।उन्होंने दिखा दिया कि मेहनत के बल पर इंसान कुछ भी कर सकता है। Einstein अपने दिमाग में ही अपनी रिसर्च का पूरा सोच कर अपना प्लान तैयार करते थे जो कि उनके प्रयोगशाला के, प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।
Einstein को इजरायल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था ।अमेरिका की सरकार आइंस्टाइन की योग्यता से इतना डर गई थी कि उनके पीछे अपना जासूस लगा कर रखती थी ताकि उनके शोध का कोई गलत प्रयोग ना हो सके, जो देश के लिए हानिकारक हो। यहां तक कि एक Pathology Dr. ने Einstein के 100 परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था ताकि उनके बुद्धिजीवी होने का पता लगा सके । Einstein ने मानवता की भलाई और मनुष्य का जीवन अधिक सफल बनाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History Quotes In Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History Quotes In Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने माने वैज्ञानिक और थ्योरिटीकल भौतिकशास्त्री है. इन्होंने साधारण रिलेटिविटी की थ्योरी को विकसित किया. विज्ञान के दर्शन शास्त्र को प्रभावित करने के लिए भी इनका नाम प्रसिद्ध है. अल्बर्ट आइंस्टीन का विश्व में सबसे ज्यादा नाम द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=MC square के लिए है, यह विश्व का बहुत ही प्रसिद्ध समीकरण है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे. आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. इनको गणित में भी बहुत रूचि थी. इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है.
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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास ( Albert Einstein Biography History In Hindi )
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म, परिवार, पुरस्कार और मृत्यु नीचे दी हुई सूची में दर्शाई गई है-
1. | पूरा नाम | अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन |
2. | जन्म | 14 मार्च 1879 |
3. | जन्म स्थान | उल्म (जर्मनी) |
4. | निवास | जर्मनी, इटली, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स |
5. | पिता | हेर्मन्न आइंस्टीन |
6. | माता | पौलिन कोच |
7. | पत्नी | मरिअक (पहली पत्नी)
एलिसा लोवेन्न थाल (दूसरी पत्नी) |
8. | शिक्षा | स्विट्ज़रलैंड, ज्यूरिच पॉलीटेक्निकल अकादमी |
9. | क्षेत्र | भौतिकी |
10. | पुरस्कार | भौतिकी का नॉबल पुरस्कार, मत्तयूक्की मैडल, कोपले मैडल, मैक्स प्लांक मैडल, शताब्दी के टाइम पर्सन |
11. | मृत्यु | 18 अप्रैल 1955 |
अल्बर्ट आइंस्टीन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निन्म बिंदुओं पर आधारित है-
- अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा
- अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर
- अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार
- अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य
- अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
- अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार
- अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा (Albert Einstein education) –
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ. किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और इनकी शिक्षा का आरम्भ भी यही से हुआ. वे बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया. 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे. वे प्रक्रति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे. उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा. 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला. 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे.
अल्बर्ट आइंस्टीन की सेकेंडरी पढ़ाई 16 साल की उम्र तक ख़त्म हो चुकी थी. उनको स्कूल पसंद नही था, और वे बिना किसी को परेशान किये, विश्वविद्यालय में जाने के अवसर को ढूंढने की योजना बनाने लगे. उनके अध्यापक ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, क्युकि उनका बर्ताव अच्छा नहीं था, जिसके कारण उनके सहपाठी प्रभावित होते थे. अल्बर्ट आइंस्टीन स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में जाने के लिए प्रयास करने लगे, किन्तु वे वहाँ के दाखिले की परीक्षा में असफल हुए. फिर उनके प्राध्यापक ने सलाह दी कि सबसे पहले उन्हें स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ में डिप्लोमा करना चाहिए. उसके बाद सन 1896 में फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अपने आप ही दाखिला मिल जायेगा. उन्होंने प्राध्यापक की सलाह को समझा, वे यहाँ जाने के लिए बहुत ज्यादा इक्छुक थे और वे भौतिकी और गणित में अच्छे थे.
सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की, किन्तु उनके एक अध्यापक उनके खिलाफ थे, उनका कहना था की आइंस्टीन युसूअल युनिवर्सिटी असिस्टेंटशिप के लिए योग्य नही है. सन 1902 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के बर्न में पेटेंट ऑफिस में एक इंस्पेक्टर को रखा. उन्होंने 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली जोकि उनकी ज्युरिच में सहपाठी थी. उनके 2 बेटे हुए, तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी. उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान सम्बन्धी दस्तावेज लिखा.
अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career) –
अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारे दस्तावेज लिखे इन दस्तावेजों से वे प्रसिद्ध हो गए. उनको जॉब के लिए युनिवर्सिटी में मेहनत करनी पड़ी. सन 1909 में बर्न युनिवर्सिटी में लेक्चरर की जॉब के बाद, आइंस्टीन ने ज्युरिच की युनिवर्सिटी में सहयोगी प्राध्यापक के लिए अपना नाम दिया. दो साल बाद क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन युनिवर्सिटी में प्राध्यापक के लिए चुने गए. साथ ही 6 महीने के अंदर ही फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्राध्यापक बन गए. सन 1913 में जाने माने वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ज्यूरिक आये और उन्होंने आइंस्टीन को जर्मनी में बर्लिन की युनिवर्सिटी में एक फायदेमंद अनुसंधान प्राध्यापकी के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने विज्ञान की प्रुस्सियन अकादमी की पूरी मेम्बरशिप भी दी. आइंस्टीन ने इस अवसर को स्वीकार कर लिया. जब वे बर्लिन चले गए, तब उनकी पत्नी ज्यूरिक में अपने दो बच्चों के साथ ही रह रहीं थी और उनका तलाक़ हो गया. सन 1917 में आइंस्टीन ने एलसा से शादी कर ली.
सन 1920 में आइंस्टीन हॉलैंड में लेइदेन की युनिवर्सिटी में जीवनपरियंत सम्माननीय प्राध्यापकी के लिए चुने गए. इसके बाद इन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिले. इसके बाद इनका कैरियर एक नए पड़ाव पर पहुँचा. इस समय आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रस्थान किया, यह उनकी यूनाइटेड स्टेट्स में आखिरी ट्रिप थी. वे वहाँ 1933 में गए.
आइंस्टीन ने सन 1939 में एक एटॉमिक बम की संरचना में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. सन 1945 में आइंस्टीन ने अपना प्रसिद्ध समीकरण E=MC square का अविष्कार किया.
अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) –
अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –
आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.
E= MC square –
आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.
ब्रोव्नियन मूवमेंट –
यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.
स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –
अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.
जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –
अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.
मन्हात्तम प्रोजेक्ट –
अल्बर्ट आइंस्टीन ने मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सिखा.
आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –
यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए. आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके. उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया.
आसमान नीला होता है –
यह एक बहुत ही आसान सा प्रमाण है कि आसमान नीला क्यों होता है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पर भी बहुत सी दलीलें पेश की.
इस तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम इतिहास में मशहूर हो गया.
अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts) –
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे.
- अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे.
- अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे.
- अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था.
- अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई.
- अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला.
- अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है.
- अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था.
- अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है.
- अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था.
- अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है”.
अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार (Albert Einstein Quotes) –
- वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए.
- आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे.
- मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है.
अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार (Albert Einstein Awards) –
अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया.
- भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
- मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
- कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
- मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
- शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death) –
जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया, तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यूजर्सी में आकर रहना पड़ा. अल्बर्ट आइंस्टीन वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और उसी समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई.
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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, इतिहास | Albert Einstein Biography in Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, शिक्षा, आविष्कार, आइक्यू, दिमाग, सुविचार, जयंती एवं रोचक तथ्य। (Albert Einstein Biography in Hindi , Birthday, Education, IQ, Inventions, IQ Level, Brain, Quotes In Hindi)
जब भी दुनियां के सबसे महान वैज्ञानिकों की बात आती है तो उसमें अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) का नाम ज़रूर गिना जाता है। अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान जर्मन भौतिक वैज्ञानिक थे।
आइंटीन ने विज्ञान और उसकी शाखा भौतिक विज्ञान में कई मूलभूत और महत्वपूर्ण सिद्धांत प्रतिपादित किए जिनके आधार पर आज दुनिया भर के छात्रों को फिजिक्स पढ़ाई जाती है।
अल्बर्ट आइंस्टाइन के सिद्धांतों की बदौलत ही आज मानव जाति टाइम ट्रैवेल अर्थात् समय यात्रा के बारे में सोच सकती है। आइंस्टाइन एक ऐसी शख्सियत थे इस जिन्होंने दुनिया को समय और गुरुत्वाकर्षण के बीच संबंधों और परस्पर प्रभाव के विषय में बताया।
विज्ञान जगत में अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी सफलता द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण है। इस सिद्धांत को ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत तथा ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम के तौर पर भी जाना जाता है। गणितीय रूप में यह इस प्रकार लिखा जा सकता है, ‘ E = MC Square’
साल 1921 में ‘प्रकाश विद्युत उत्सर्जन’ की खोज के लिए इन्हें विश्व के सबसे सम्मानित पुरस्कार ‘नोबेल पुरस्कार’ द्वारा भी सम्मानित किया गया। इन सब के अलावा भी आइंस्टीन द्वारा कई खोज अविष्कार किए गए।
14 मार्च को अल्बर्ट आइंस्टाइन की जयंती (Albert Einstein Birthday) मनाई जाती है। और इसी दिन विश्व पाई दिवस भी मनाया जाता है।
आज हम आपके लिए अल्बर्ट आइंस्टाइन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography In Hindi) लेकर आए हैं।
विषय–सूची
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography in Hindi)
भौतिक शास्त्र के महान वैज्ञानिक आइंस्टीन (Albert Einstein) 14 मार्च सन् 1879 में जर्मनी के ‘उल्म वुर्ट्टनबर्ग’ में एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे।
आइंस्टीन के पिताजी का नाम हरमन आइंस्टीन था जबकि उनकी माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था। आइंस्टीन के पिता एक इंजीनियर और विक्रेता थे जो बिजली के उपकरण बेचा करते थे। साल 1980 में जन्म के एक साल बाद ही आइंस्टीन अपने परिवार के साथ जर्मनी के म्युनिच शहर में आ गए।
अल्बर्ट आइंस्टाइन बचपन से ही असामान्य थे क्योंकि उनका सर सामान्य बच्चों की अपेक्षाकृत काफी बड़ा था और उनका व्यवहार भी दूसरे बच्चों की तरह नहीं था।
कहा जाता है कि पैदा होने के बाद लगभग 4 सालों तक आइंस्टीन बोलना नहीं जानते थे। लेकिन अचानक से एक दिन टेबल पर जब वह अपने माता पिता के साथ खाना खा रहे थे इस दौरान आइंस्टीन ने पहली बार बोला और कहा कि “सूप बहुत गर्म है!”
आइंस्टीन बचपन से ही बहुत जिज्ञासु प्रकृति के थे। वह हर एक चीज के बारे में जानना चाहते थे। बचपन में वह ज्यादा खेलना कूदना पसंद नहीं करते थे बल्कि इसकी बजाय वह ब्रह्मांड की परिकल्पना करते थे।
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अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education In Hindi)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने साले 1896 में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की।माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद आइंस्टीन ने फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला ले लिया।
इसी स्कूल में उनकी मुलाकात मिलेवा मेरिक से हुई जिसके साथ आगे चलकर इनका विवाह हुआ था। आइंस्टीन और मिलेवा दोनों ही भौतिक विज्ञान में बहुत अच्छे थे जिसके कारण उनकी केमिस्ट्री जम गई।
साल 1900 में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने 21 साल की आयु में फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा की डिग्री हासिल की।
30 अप्रैल 1905 को अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्सिटी आफ ज़्यूरिख़ से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की।
अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह और बच्चे –
साल 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी प्रेमिका और फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल की सहपाठी मिलेवा मेरिक के साथ शादी कर ली। इन दोनों का विवाह बर्न स्विजरलैंड में संपन्न हुआ। विवाह के एक वर्ष बाद ही साल 1904 में अल्बर्ट आइंस्टीन को एक बेटा भी पैदा हुआ जिसका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन था।
साल 1910 में उन्हें एक और बेटा पैदा हुआ जिसका नाम एडवार्ड आइंस्टीन था। हालांकि उनका यह दूसरा बेटा महज़ 20 साल की उम्र में ही मर गया था।
हालांकि अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया और आखिरकार 14 फरवरी 1919 को उनका उनकी पत्नी से तलाक हो गया।
अल्बर्ट आइंस्टाइन का वैज्ञानिक कार्यकाल –
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुत सारी खोजें की और 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए। उन्होंने काफी समय तक यूनिवर्सिटी आफ ज़्यूरिख़ में प्रोफेसर के तौर पर काम भी किया।
साल 1905 में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने महज 26 साल की उम्र में प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज की। इस दौरान उन्होंने कुल चार शोधपत्र प्रकाशित किए, जिनमें प्रकाश विद्युत प्रभाव , ब्राउनियन गति , सापेक्षता का सिद्धांत , तथा द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण शामिल थे। यह भौतिक विज्ञान के ऐसे अनूठे शोध थे जिन्होंने भौतिकी में क्वांटम मैकेनिक्स और सापेक्षतावाद की नींव डाली।
बाद में उन्हें मुख्य रूप से इसी प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अल्बर्ट आइंस्टाइन का नामांकन नोबेल पुरस्कार के लिए साल 1921 में ही किया गया था। हालांकि इस नामांकन के एक साल बाद साल 1922 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अल्बर्ट आइंस्टाइन के अविष्कार(Albert Einstein Inventions In Hindi)
प्रकाश विद्युत प्रभाव –.
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने साल 1950 में जिस शोध पत्र को प्रकाशित किया उसमें उन्होंने प्रकाश विद्युत प्रभाव के बारे में बताया।
इस दौरान अल्बर्ट आइंस्टीन ने बताया कि प्रकाश की दोहरी प्रकृति होती है। यह कण तथा तरंग दोनों के रूप में व्यवहार करता है। इस दौरान आइंस्टीन ने ऊर्जा के पैकेट्स अर्थात् फोटोन के बारे में भी बताया।
प्रकाश विद्युत प्रभाव के सिद्धांत द्वारा आइंस्टीन ने बताया कि जब प्रकाश किसी धातु की सतह पर पड़ता है तो वहां से मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रभावित होने लगते हैं जिस कारण विद्युत की उत्पत्ति होती है।
चूंकि इस सिद्धांत ने प्रकाश ऊर्जा द्वारा विद्युत ऊर्जा की उत्पत्ति की व्याख्या की इसीलिए इस सिद्धांत को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहा जाता है।
ब्राउनियन गति –
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने भी ब्राउनियन मोशन की खोज भी की थी। ब्राउनियन गति एक प्रकार का जिगजैग गति (Zig-Zag) है जिस का अवलोकन आइंस्टाइन ने परमाणु के निलंबन के दौरान किया था।
सापेक्षता का सिद्धांत –
सापेक्षता के सिद्धांत को स्पेशल थिअरी आफ रिलेटिविटी के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रकाशन भी साल 1905 में ही आइंस्टीन के शोध पत्र में हुआ था।
यह सिद्धांत गुरुत्वाकर्षण और समय दोनों के बीच परस्पर प्रभावों की व्याख्या करता है। इसके अलावा इस सिद्धांत में सापेक्ष गति की व्याख्या की गई है।
द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण –
द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण आइंस्टाइन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जाती है। इस सिद्धांत को गणितीय रूप से
‘E = MC Square ‘ लिखा जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया यह समीकरण द्रव्यमान और ऊर्जा में संबंध स्थापित करता है। आइंस्टीन के इस समीकरण को ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत और ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम के तौर पर भी जाना जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु –
17 अप्रैल 1955 को आंतरिक रक्तस्राव अर्थात इंटरनल ब्लीडिंग के कारण 76 साल की आयु में अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु हो गई।
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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi
आज इस आर्टिकल में हम आपको अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi के बारे में बताएगे।
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी
आइंस्टीन दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक थे, उन्होंने भौतिकी में बहुत से खोज और आविष्कार किये थे, जिनके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था., भौतिक विज्ञान में उनका योगदान अद्वितीय रहा है।
अल्बर्ट आइंस्टीन 14 मार्च 1879 उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य में हुआ था।
उनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो एक इंजीनियर और सेल्समैन थे।
उनके माता का नाम पौलिन कोच था।
बचपन में उन्हें शब्दों के उच्चारण में काफी दिक्कत होती थी लेकिन वो पढाई में सबसे अव्वल थे।
उन्होंने अपनी पढाई ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय से खत्म की.
वैज्ञानिक खोज और आविष्कार
उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से महत्वपूर्ण खोज और आविष्कार किये। इनके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे है।
- क्वांटम थ्योरी ऑफ़ लाइट
- स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
- जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
- आइंस्टीन रेफ्रीजिरेटर
- ब्रोविनियन मूवमेंट
- आसमान का रंग नीला क्यों है?
सम्मान और पुरस्कार
- भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)
- मेट्यूक्सी पदक (1921)
- कोप्ले पदक (1925)
- मैक्स प्लैंक पदक (1929)
- टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999)
अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76) प्रिंस्टन हस्पताल, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुआ।
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Albert Einstein Biography in Hindi- अल्बर्ट आइंस्टीन
Table of Contents
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Life of Albert Einstein
अल्बर्ट आइंस्टीन को मानव इतिहास का सबसे महान वैज्ञानिक माना जाता है. वे जर्मनी में जन्मे महान वैज्ञानिक थे, उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत से भौतिक विज्ञान की दिशा को ही बदल दिया. आइंस्टीन ने मानव मस्तिष्क की सीमाओं को इतना अधिक प्रसारित कर दिया कि उन्हें महामानव समझा जाने लगा.
अल्बर्ट आइंस्टीन की संक्षिप्त जीवनी Brief Biography of Albert Einstein
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी में वुटेमबर्ग प्रान्त के उलम नामक स्थान में 14 मार्च 1879 को हुआ था. वे एक महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे. आइंस्टीन की महान खोज है- सापेक्षता के सामान्य और विशेष सिद्धांत Theory of Relativity.
अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश-विद्युत प्रभाव photo-electric effect के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया. जर्मनी में नाजी प्रभाव बढ़ने के बाद 1930 के दशक में वे अमेरिका आ गए.
एक वैज्ञानिक के रूप में ही नहीं एक मनुष्य के रूप में भी आइंस्टीन अप्रतिम थे. वैज्ञानिक प्रतिभा, मानव प्रेम एवं चारित्रिक उदारता का जैसा समन्वय आइंस्टीन मे था वैसा अन्यत्र दुर्लभ है. प्रखर विश्लेषणात्मक क्षमता, सहज विनयशीलता एवं सहृदयता, असत्य एवं अत्याचार के विरूद्ध पक्की दृढ़ता, समग्र मानव-जाति के लिए ममत्वबोध, इन सब दैवी गुणों का उनमें समावेश था.
आजीवन विज्ञान की साधना करने पर भी आइंस्टीन एक उच्च कोटि के तत्वज्ञानी एवं दार्शनिक थे. यदि यह कहें कि महात्मा गांधी के बाद आइंस्टीन ही 20वीं सदी के सबसे बड़े महापुरुष थे, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.
आरम्भिक जीवन एवं शिक्षा Early Life and Education
अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता हेरमैन आइंस्टीन और माता पॉलिन कोच बालक अल्बर्ट का जन्म होने के छह सप्ताह में ही म्यूनिक चले आए. म्यूनिक शहर के एक विद्यालय में इनकी प्राथमिक शिक्षा हुुई. छात्र-जीवन के आरम्भ में इनमें किसी पकार की विशेषता नहीं देखी गई.
इनके शिक्षकों को उस समय इस बात का कुछ भी परिचय नहीं मिला कि आगे चलकर यह बालक एक विश्व विख्यात वैज्ञानिक बनेगा. इतना ही नही, बल्कि इनके शिक्षक यह समझते थे कि यह लड़का बहुत ही मोटी समझ का है. जीवन में यह कुछ कर नहीं सकेगा.
किन्तु 14 वर्ष की अवस्था में ही आइंस्टीन ने अपनी असाधारण गणितीय प्रतिभा का परिचय देकर सबको चकित कर दिया. स्कूल में पढ़ते समय बच्चे सबसे अधिक जिस विषय से दूर भागते हैं वह है गणित और गणित में भी विशेषकर ज्यामिति.
इसी उम्र में आइंस्टीन के हाथ यूक्लिड की ज्यामिति-पुस्तक लगी. मोटी बुद्धि के समझे जाने वाले इस बालक ने थोड़े समय में ही सारी पुस्तक को अच्छी तरह समझ लिया. ज्यामिति में गणितीय सत्य की जो प्रामाणिकता पाई जाती है उसके प्रति आइंस्टीन विशेष रूप में आकर्षित हुए. बाद में चलकर उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में जो सब अनुसंधान किए उनमें यही प्रमाणिकता पाई जाती है.
14 वर्ष की अवस्था में उन्होंने विश्लेषणात्मक ज्यामिति analytical geometry तथा अंतर और अभिन्न कलन differential and integral calculus पर पूरी तरह से अधिकार कर लिया. इन विषयों के सम्बन्ध में वे ऐसे-ऐसे प्रश्न अपने शिक्षकों से करने लगे कि उनसे किसी प्रकार भी उत्तर देते नहीं बनता.
आइंस्टीन के पिता हेरमैन आइंस्टीन का एक रासायनिक कारखाना था. किन्तु उनका यह व्यवसाय अच्छी तरह नहीं चलता था. इसलिए आइंस्टीन को वोकेशनल शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्विटजरलैंड के एक सरकारी शिल्प विद्यालय में भेज दिया गया. यहां उन्हें भाषा एवं जीव-विज्ञान, इन दो विषयों में परीक्षा देनी पड़ी.
आइंस्टीन परीक्षा देने से बहुत घबराते थे. कारण, परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए पुस्तकों को रटना पड़ता था. और रटन्त विद्या से आइंस्टीन शुरू से ही दूर भागते थे. फिर भी 21 वर्ष की अवस्था तक वे उसी विद्यालय में पढ़ते रहे. स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ज्यूरिज से उन्होंने भौतिक विज्ञान एवं गणित, इन दो विषयों में प्रशिक्षण की उपाधि प्राप्त की.
इसके बाद नौकरी की तलाश शुरू हुई. कुछ समय के लिए एक स्कूल में शिक्षक का काम मिला. बाद में एक पेटेंट आफिस में पेटेंट परीक्षक के पद पर नियुक्त हुए. यहां उन्हें अधिक काम नहीं करना पड़ता था, चिंतन-मनन के लिए काफी समय मिलता था.
आइंस्टीन का वैवाहिक जीवन Family life of Albert Einstein
इसी समय सन् 1903 ईसवी में उन्होंने अपने साथी विद्यार्थी मिलेवा मेरिक को अपनी जीवनसंगिनी बनाया. वह भी गणित, विज्ञान जैसे विषयों में निपुण थी. किन्तु यह वैवाहिक जीवन लम्बा नहीं चला.
1912 में आइंस्टीन ने मिलेवा को छोड़ दिया और दोनों का तलाक 1919 में हो गया. इस तरह कुछ ही वर्षों के बाद यह शादी टूट गई. मिलेवा से उनके दो पुत्र हुए-एक अल्बर्ट जूनियर और दूसरा एडवर्ड.
आइंस्टीन के उनकी पहली शादी के दौरान ही कई महिलाओं की ओर आकर्षित हुए, उनमें से एक थीं एल्सा, जो उनकी चचेरी बहन थीं. 2 जून, 1919 को आइंस्टीन ने एल्सा से शादी की. अल्बर्ट की तरह ही एल्सा की भी यह दूसरी शादी थी. 1936 में उनकी दूसरी पत्नी एल्सा का भी देहान्त हो गया.
वैज्ञानिक के तौर पर आइंस्टीन का करियर Albert Einstein as a physicist
सरकारी पेटेंट आफिस में काम करते हुए उन्होंने आपेक्षिकतावाद अर्थात् theory of relativity के सम्बन्ध में शोध करना प्रारम्भ किया. इस विषय में उनका पहला शोधपत्र 1905 में विशेष मतवाद यानी स्पेशल थ्योरी नाम से प्रकाशित हुआ.
1908 ई० में बर्न में उन्हें अध्यापक का एक पद मिला. दूसरे साल वे अध्यापन करने के जूरिथ चले गए. इसी समय एक विज्ञान-सम्मेलन में उनका भाषण हुआ. इसके बाद ही वे प्रेग ( वर्तमान में चेक रिपब्लिक की राजधानी) के जर्मन विश्वविद्यालय में पदार्थ विज्ञान के अध्यापक नियुक्त हुए.
1912 ई० में फिर जूरिथ लौट आए. 1913 ई० में जर्मनी के सुप्रसिद्ध विज्ञानी नेर्न्स्ट और प्लेक के प्रयासों से जर्मनी लौट आए. वहां वे बर्लिन विश्वविद्यालय में पदार्थ विज्ञान के अध्यापक तथा रिसर्च लैब के अध्यक्ष नियुक्त हुए. 1916 में आपेक्षिकतावाद के सम्बन्ध में उनके अनुसंधान का दूसरा खण्ड प्रकाशित हुआ.
प्रथम विश्वयुद्ध में आइंस्टीन के जीवन में तीन बड़ी घटनाएं घटित हुई. पहली घटना यह थी कि 62 जर्मन बुद्धिजीवियों ने एक घोषणपत्र प्रकाशित करके जर्मन संस्कृति एवं जर्मन सामरिकता के एकत्व का समर्थन किया था.
आइंस्टीन ने इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया. दूसरी घटना थी आइंस्टीन का पुनर्निवाह और तीसरी घटना थी 1916 ई में सापेक्षता के सिद्धांत- के दूसरे भाग यानी जनरल थ्योरी का प्रकाशन. इस सिद्धांत के प्रमाणित हो जाने पर आइंस्टीन एक श्रेष्ठ वैज्ञानिक के रूप में गिने जाने लगे.
1922 में उन्हें पदार्थ विज्ञान में महत्वपूर्ण अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला. पुरस्कार में उन्हें जो धन मिला उसे उन्होंने विभिन्न संस्थाओं को दान कर दिया.
आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत – Einstein’s Theory of Relativity
वे केवल एक विश्व विख्यात वैज्ञानिक के रूप में ही परिचित नहीं हुए, बल्कि उनके इस आविष्कार का पदार्थ विज्ञान एवं ज्योति विज्ञान पर अहम प्रभाव पड़ा. दोनों ही क्षेत्रों में उनके सिद्धान्त का व्यापक रूप में प्रयोग होने लगा. सापेक्षता एक अत्यन्त जटिल विषय समझा जाता है.
सापेक्षता के आविष्कार से पहले तक किसी वस्तु के परिमाप के लिए मौलिक विचार, उसकी लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई- इन तीन तक ही सीमित समझा जाता था. आइंस्टीन ने इसे भूल माना. उन्होंने बताया कि इस परिमाप में काल का हिसाब करना भी आवश्यक है और इसे सिद्ध करके दिखा दिया.
सापेक्षता के आविष्कार से पहले अधिकांश वैज्ञानिक यह समझते थे कि पदार्थ-विज्ञान के सम्बन्ध में जो सब तत्व जानने लायक थे, वे सब जाने जा चुके. अब कोई ऐसा तत्व नहीं रह गया है जो अज्ञात हो. किन्तु उनकी यह धारण गलत सिद्ध हुई.
आधुनिक काल में पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है, उसके मूल में आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत ही है. आइंस्टीन ने इसमें दिखाया है कि गति मात्र आपेक्षिक है. निरपेक्ष गति-जैसी कोई चीज नहीं है और न इसका निर्णय करने का कोई उपाय है.
आइंस्टीन ने यह भी बताया कि न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण कोई निरपेक्ष तत्व नहीं है. पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण सब वस्तुओं को नीचे ही नहीं खींचता, वस्तुएं भी पृथ्वी को समान शक्ति से खींचती है और इस परस्पर के आकर्षण के संतुलन में ही सृष्टि का अस्तित्व बना हुआ है.
आइंस्टीन बहुत बड़े वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ थे. किन्तु इसके साथ ही वे बहुत बड़े मानवतावादी भी थे. पराधीन एवं पीडि़त जातियों की स्वाधीनता का उन्होंने खुलकर समर्थन किया. विज्ञान एवं वैज्ञानिक सभ्यता-संस्कृति के समर्थक होते हुए भी मनुष्य की आत्मा की और उसके अन्तर्निहित सौंदर्यबोध की उन्होंने उपेक्षा नहीं की.
आइंस्टीन को इजराइल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव Offer of Presidency of Israel to Einstein
कुछ समय तक आइंस्टीन ने राजनीति में भी सक्रिय भाग लिया था. यहूदी जाति के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने डॉ. वाइजमैन के साथ काम किया था. येरूशलम में उन्होंने यहूदी विश्वविद्यालय की स्थापना में पूर्ण सहयोग प्रदान किया था. यहूदी उन्हें अपना नेता मानते थे.
यही कारण है कि यहूदी राष्ट्र इजराइल के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. वाइजमैन की मृत्यु के बाद आइंस्टीन को ही सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का पद प्रदान किया गया था. किन्तु उन्होंने इस पद को ग्रहण करना अस्वीकार कर दिया.
1921 से 1933 तक वे यूरोप के बहुत से देशों में घूम-घूम कर व्याख्यान देते रहे. यहूदी जाति के लिए एक स्वतन्त्र निवास स्थान निर्मित करने के उद्देश्य से उन्होंने धन संग्रह किया. 1932 ई. में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने उन्हें डाॅक्टर की उपाधि देकर सम्मानित किया.
जर्मनी छोड़ अमेरिका में बसने का फैसला Einstein’s Immigration to US
1963 ई० में जब जर्मनी में हिटलर का उत्थान हुआ, उसने यहूदियों पर अत्याचार शुरू कर दिए. जर्मनी से यहूदी निष्कासित होने लगे. उसे समय आइंस्टीन जर्मनी में नहीं थे. हिटलर के जर्मनी में साहित्यकारों, कलाकारों एवं वैज्ञानिकों को अपमानित एवं लांछित होते देखकर आइंस्टीन का मन क्षुब्ध हो उठा और उन्होंने स्वदेश नहीं लौटने का फैसला किया.
फ्रांस, स्पेन तथा यूरोप के और कई देशों से उन्हें सादर निमंत्रण मिला. कुछ दिनों तक वे बेल्जियम में रहे. बाद में उन्हें अमेरिका से निमंत्रण मिला और वे प्रिंसटन नगर में जाकर रहने लगे.
वर्ष 1930 में प्रिंसटन में ‘इंस्टिट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी’ की स्थापना हुई, आइंस्टीन का सम्बन्ध मृत्यु पर्यन्त इस संस्था के साथ बना रहा. 1940 में आइंस्टीन को अमेरिका की नागरिकता प्रदान की गई.
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु Death of Albert Einstein
17 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन प्रिंसटन स्थित इंस्टिट्यूट फॉर एडवांस स्टडीज के अपने कमरे में थे. इस दौरान उनके पेट में अंदरूनी रक्तस्राव शुरू हो गया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, इस दौरान भी आइंस्टीन अपना काम नहीं भूले.
इजरायल राष्ट्र की स्थापना की सातवीं वर्षगांठ पर उन्हें टेलीविजन पर एक भाषण देना था, जिसका प्रारूप वे अपने साथ अस्पताल ले गए. मगर अफसोस, वे यह भाषण कभी नहीं दे सके. 18 अप्रैल, 1955 की सुबह अल्बर्ट आइंस्टीन का प्रिंसटन अस्पताल में 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
आइंस्टीन अपने पेट में धमनी में रिसाव रोकने के लिए पहले एक बार सर्जरी करवा चुके थे लेकिन दोबारा उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया. उनका कहना था-
मैं अपनी इच्छा से जाना चाहता हूं. कृत्रिम रूप से जिंदगी को लम्बा खींचना बहुत ही बेस्वाद है. मैं अपना काम कर चुका हूं, अब जाने का समय है. मैं ठाट से मरूंगा.
अल्बर्ट आइंस्टीन इतने बड़े जीनियस थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनका दिमाग और आंखें निकालकर सुरक्षित रख दी गईं. उनके मस्तिष्क brain of Einstein पर कई वर्ष तक शोध होता रहा.
Surprising facts about Albert Einstein आइंस्टीन से जुड़े रोचक तथ्य
आइंस्टीन के जर्मनी छोड़ने के बाद जर्मन सरकार ने उनकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली थी और उनके सिर पर 5 हजार डॉलर की इनामी रकम रखी थी.
आइंस्टीन का व्यक्तिगत जीवन बहुत ही सरल एवं आडंबर हीन था. प्रिंसटन शहर में वे साधारण मनुष्य की तरह घूमा करते थे. कपड़ों के सबंन्ध में इतने लापरवाह कि कभी-कभी बेल्ट की जगह पर पुरानी टाई बांधे रहते थे.
एक बार बुकमार्क के तौर पर उन्होंने 1500 डॉलर का चेक लगा लिया. उस चेक के साथ-साथ वह पुस्तक भी खो गई.
आइंस्टीन संगीत प्रेमी थे. वे बेला यानी वायलिन बजाया करते थे. अपने वसीयतनामे में वे अपना प्रिय वायलिन अपने पौत्र के नाम छोड़ गये.
परमाणु बम के आविष्कार से आइंस्टीन इतने दुखी हुए कि उन्होंने कहना पड़ा- ‘जीवन को यदि नए सिरे से शुरू करना पड़े तो विज्ञान के साथ दूर का सम्बन्ध भी नहीं रखूूंगा. एक वैज्ञानिक के बजाय मिस्त्री, लोहार या डाकिया होना अधिक पसन्द करूंगा.’
आइंस्टीन कभी भारत नहीं आए, किन्तु भारत के साथ उनका करीबी रिश्ता था. गांधी जी एव भारत के महान परम्परागत आदर्शों के प्रति उनके हृदय में श्रद्धा थी. गांधी जी के अलावा रवीन्द्र नाथ टैगोर के साथ उनकी घनिष्ठता थी.
एक बार आइंस्टीन बस में सफर कर रहे थे. उन्होंने कंडक्टर को एक नोट टिकट के लिये दिया. कंडक्टर ने टिकट का दाम काटकर बाकी पैसे वापस कर दिए. आइंस्टीन हिसाब लगा कर देखने लगे कि उन्हें बाकी पैसे ठीक-ठीक मिले या नही.
बार-बार हिसाब करने पर भी हिसाब ठीक नहीं मिल रहा था. तब उन्होंने कंडकटर को बुलाया. उसने हिसाब ठीक बता दिया और कहा- ‘ मिस्टर, हिसाब करना इतना आसान नहीं है. इसके लिये अर्थशास्त्र का ज्ञान होना चाहिए.’ इतने बड़े गणितज्ञ को एक कंडक्टर से यह उपदेश सुनने को मिला!
पुरस्कार एवं सम्मान Awards and Honors
अपने जीवन मे आइंस्टीन ने इतने अधिक सम्मान, उपाधि एवं पदक प्राप्त किए कि वे स्वयं भी उनकी संख्या से अपरिचित थे. फिर भी कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कारों की जानकारी यहां दी गई है.
- अल्बर्ट आइंस्टीन को 1922 में नोबेल पुरस्कार मिला.
- 1925 में रॉयल सोसाइटी का कोपले पदक
- 1935 में फ्रेंकलिन इंस्टीट्यूट पदक
- 1945 ‘इंडियन एसोसियेशन फॉर दि कलटिवेशन ऑफ साइंस’ की ओर से पदक
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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi
इन्होने अपने जीवन में बहुत से खोज किये। उनके कुछ अविष्कार पुरे दुनिया में बहुत फेमस हुआ जिनके वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज हो गया। आइंस्टीन एक बुद्धिमान और सफल वज्ञानिक रहे है।
धुनिक समय के भौतिक विज्ञान को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा हाथ रहा है। अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश विधुत उत्सर्जन की खोज के लिए इनका नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। आइंस्टीन ने बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है जैसे – सापेक्ष ब्राम्हण, क्वांटम सिद्धांत, अणुओ की ब्राउनियन गति, विकिरण का सिद्धांत और अन्य बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है।
नाम – अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म – 14 मार्च 1879 स्थान – उल्मा (जर्मनी) पिता – हेर्मन्न आइंस्टीन माता – पौलिन कोच पुरस्कार – भौतिक का नोबेल पुरस्कार, मैक्स प्लैंक पदक, कोल्पे पदक मृत्यु – 18 अप्रैल 1955
अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi
प्रारंभिक जीवन earlier life.
विश्वप्रसिद्ध अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में वुटेमबर्ग नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन जोकि पेशे से एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। इनकी माता का नाम पौलिन कोच था। आइंस्टीन बचपन से पढाई में अव्वल थे लेकिन बचपन में आइंस्टीन को बोलने में थोड़ी दिक्कत होती थी।
शिक्षा Education
अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानते थे और जिसकी वजह से आइंस्टीन को पढने के लिए कैथोलिक विद्यालय में जाना पड़ा। आइंस्टीन की माँ को सारंगी बजाना आता था। इन्होने अपनी माँ से सारंगी बजाना सिखा लेकिन बाद में इन्होने इसे बजन छोड़ दिया। बाद में 8 साल की उम्र में आइंस्टीन वहां से स्थान्तरित होकर लुइटपोल्ड जिम्रेजियम चले गए।
जहाँ से आइंस्टीन ने अपनी माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा भी प्राप्त की। सन 1895 में आइंस्टीन ने स्विस फ़ेडरल पोलिटेक्निक की परिक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जाना जाने लगा। उस वक़्त इनकी उम्र 16 साल थी। लेकिन गणित और भौतिक के विषय को छोड़ कर बाकि सभी विषयों में फेल हो गये थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन का करियर और उनकी खोज (Invention and Career)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी डाक्टरेट लेने के बाद इन्होने बहुत से विज्ञानं दस्तावेज लिखा जिसकी वजह से ये बहुत ही प्रसिद्ध हुए। यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए इन्होने बहुत मेहनत किया। और सन 1909 में ये बर्न यूनिवर्सिटी के लेक्चरर बन गये।
अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार Inventions of Albert Einstein
स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी.
आइंस्टीन ने एक थ्योरी में गति और समय के सम्बन्ध को समझाया है।
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी
अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान कहा है और तंरंगों की विशेषता बताई है। इनके अनुसार धातुओ में से इलेक्ट्रान निकलते है और वो फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना करते है। इसी थ्योरी के आधार पर टेलीविजन की खोज भी हुई।
रेफिजरेटर की खोज
ये आइंस्टीन का सबसे छोटा खोज था। इसको बनाने में इन्होने ज्यादा समय नही लगाया था। इसमें ऊर्जा के रूप में इन्होने अमोनिया, पानी, और ब्यूटेन का प्रयोग किया था।
आकाश नीला क्यों होता है?
पुरस्कार awards.
अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से खोज किये और जिसकी वजह से उनको कई सरे पुरस्कार से नवाजा भी गया है सबसे पहला 1921 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार , मत्तयूक्की मेडल, 1925 में कोपले मैडल, सन 1929 में मैक्स प्लांक मेडल मिला और 1999 में शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी मिला।
मृत्यु Death
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